सर्वनाम क्या होता है? इसके भेद तथा उदाहरण।
सर्वनाम - परिभाषा, प्रमुख कार्य, भेद
अलग पढ़ेंसंज्ञा के बदले जिन शब्दों का प्रयोग होता है उन्हें सर्वनाम कहते हैं। जैसे—
वह, उसे, उसने, मैं, मेरा, मेरे, वे, हम, हमलोग आदि।
उदाहरण :
- राम एक लड़का है।
- वह पढ़ने में तेज है।
- उसने कड़ी मेहनत की है।
- उसे अवश्य सफलता मिलेगी।
मोटे अक्षरवाले शब्द सर्वनाम हैं, क्योंकि ये राम (संज्ञा) के बदले आए हैं। यदि सर्वनाम का प्रयोग न किया जाए, तो उपर्युक्त वाक्य भद्दे लगेंगे। जैसे—
- राम एक लड़का है।
- राम पढ़ने में तेज है।
- राम ने कड़ी मेहनत की है।
- राम को अवश्य सफलता मिलेगी
स्पष्ट है कि वाक्य की सुन्दरता को बनाए रखने के लिए या संज्ञा की पुनरुक्ति न हो, इसके लिए सर्वनाम का प्रयोग आवश्यक है। हिन्दी में कुल 11 मूल सर्वनाम हैं-मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कोई, क्या, कुछ और कौन। इन्हीं मूल सर्वनामों से विभिन्न प्रकार के सर्वनामों की उत्पत्ति हुई है।
सर्वनाम के कार्य
सर्वनाम के निम्नलिखित प्रमुख कार्य है-
सर्वनाम के कार्य (1) : जहाँ संज्ञा उसी वस्तु का बोध कराती है जिसका वह नाम है, वहाँ सर्वनाम किसी भी वस्तु का बोध कराता है, यदि पहले वह संज्ञा आ गई हो। जैसे—
राम अच्छा लड़का है। | - | वह मेरा भाई है। |
सीता अच्छी लड़की है। | - | वह मेरी बहन है। |
इस कुत्ते को देखो। | - | यह मेरा है। |
मुझे कई कलमें हैं। | - | वे कीमती है |
सर्वनाम के कार्य (2) : सर्वनाम नामों (संज्ञाओ) की पुनरुक्ति रोकता है। जैसे—
- पुनरुक्ति दोष सहित—मोहन अच्छा लड़का है। मोहन बी. ए. में पढ़ता है। मोहन पढ़ने में तेज है।
- पुनरुक्ति दोष रहित—मोहन अच्छा लड़का है। वह बी. ए. में पढ़ता है। वह पढ़ने में तेज है।
सर्वनाम के कार्य (3) : सर्वनाम आदर-अनादर या छोटे-बड़े का बोध कराता है। जैसे—
- आप मेरी बहन हैं। (आदर या बड़े का बोध)
- तू यहाँ से भाग। (अनादर या छोटे का बोध)
सर्वनाम के कार्य (4) : सर्वनाम निकटता और दूरी का बोध कराता है। जैसे—
यह लड़का है। | निकटता का बोध |
ये लड़के हैं। | निकटता का बोध |
वह लड़का है। | दूरी का बोध |
वे लड़के हैं। | दूरी का बोध |
सर्वनाम के कार्य (5) : सर्वनाम निश्चय और अनिश्चय का बोध कराता है। जैसे—
उसे बुलाओ। | निश्चित व्यक्ति |
किसी को बुलाओ । | अनिश्चित व्यक्ति |
सर्वनाम के कार्य (6) : सर्वनाम प्रधान वाक्य और आश्रित वाक्यों में संबंध जोड़ता है। जैसे—
- बिन विचारे जो करे, सो पाछे पछताय।
सर्वनाम के कार्य (7) : सर्वनाम जिज्ञासा को अभिव्यक्त करता है। जैसे—
- कौन आया है?
- तुम्हें क्या चाहिए ?
सर्वनाम के भेद
सर्वनाम के छह भेद हैं-
- पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun)
- निश्चयवाचक सर्वनाम (Demonstrative Pronoun)
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun)
- संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun)
- निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)
- प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun)
पुरुषवाचक सर्वनाम - परिभाषा, भेद, उदाहरण
अलग पढ़ेंजिस सर्वनाम से बोलनेवाले, सुननेवाले या जिसके बारे में कहा जाए उसका बोध हो उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे—
मैं, मैंने, हमलोग, आप, आपको, उसका, उसकी आदि।
उदाहरण :
मैंने कल आपको उसकी घड़ी दी थी।
- मैंने—बोलनेवाले के लिए।
- आपको—सुननेवाले के लिए।
- उसकी—जिसके बारे में चर्चा हो रही है।
इस बात का खयाल रखें कि पुरुषवाचक सर्वनाम का प्रयोग स्त्री-पुरुष या सजीव-निर्जीव सभी के लिए किया जाता है।
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं—
- उत्तमपुरुष (First Person),
- मध्यमपुरुष (Second Person) और
- अन्यपुरुष (Third Person)
1.उत्तमपुरुष—मैं, मैंने, हम, हमने, मेरा, मेरी, हमारा, हमारी आदि को उत्तमपुरुष कहते हैं। बोलनेवाला इसका प्रयोग सिर्फ अपने लिए करता है। जैसे—
मैं आम खाता हूँ। | (मैं — उत्तमपुरुष, एकवचन) |
हम भारतवासी हैं। | (हम — उत्तमपुरुष, बहुवचन) |
2.मध्यमपुरुष—तू, तुम, आप, तुमलोग, आपलोग, तुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारे, आपका, आपकी, आपके आदि को मध्यमपुरुष कहते हैं। इसका प्रयोग सुननेवाले के लिए किया जाता है। जैसे—
तू अच्छा है। | (तू — मध्यमपुरुष, एकवचन) |
तुम अच्छे हो। | (तुम — मध्यमपुरुष, बहुवचन) |
3.अन्यपुरुष—उत्तमपुरुष और मध्यमपुरुष के अतिरिक्त सारे पुरुष—वह, वे, उसका, उसकी, उनका, उनकी आदि को अन्यपुरुष कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में—वक्ता, श्रोता से जिसकी चर्चा करता है, उसे अन्यपुरुष कहते हैं। जैसे—
वह मोहन होगा। | (वह — अन्यपुरुष, एकवचन) |
वे अच्छे लड़के थे। | (वे — अन्यपुरुष, बहुवचन) |
उसका भाई आया है। | (उसका — अन्यपुरुष, एकवचन) |
उनका भाई आया है। | (उनका — अन्यपुरुष, बहुवचन) |
नोट—कभी-कभी आदर हेतु एक वस्तु या व्यक्ति के लिए भी बहुवचन रूप (वे, उनका, उनकी, उनके, आदि) प्रयुक्त होता है। जैसे—
वे श्री मरांडी हैं। उनकी माताजी बीमार हैं।
निश्चयवाचक सर्वनाम - परिभाषा, भेद, उदाहरण
अलग पढ़ेंयह, वह, ये और वे निश्चयवाचक सर्वनाम हैं। इनसे किसी संज्ञा का निश्चित ज्ञान, दूरी या निकटता का बोध होता है।जैसे-
यह पुस्तक है। | (निश्चित रूप से पुस्तक है और निकट भी है।) |
ये लड़के हैं। | (निश्चित रूप से लड़के हैं और निकट भी हैं।) |
वह हाथी है। | (निश्चित रूप से हाथी है, लेकिन दूरी का बोधक ।) |
वे कलमें हैं। | (निश्चित रूप से कलमें हैं, लेकिन दूरी का बोधक ।) |
नोट-निश्चयवाचक सर्वनाम और पुरुषवाचक सर्वनाम में अंतर है। इसे समझने की कोशिश करें- | |
राम अच्छा लड़का है। वह अभी पढ़ रहा होगा। | यहाँ राम अभी उपस्थित नहीं है, सिर्फ उसकी चर्चा हो रही है, इसलिए वह पुरुषवाचक सर्वनाम । |
उसका नाम राम है। देखो, वह पढ़ रहा है। | |
राम कुछ दूरी पर है। उसकी ओर इशारा किया जा रहा है | इसलिए वह-निश्चयवाचक सर्वनाम । |
तुम्हें प्रतिदिन दूध पीना चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है । | |
यहाँ दूध अभी रखा हुआ नहीं है। सिर्फ चर्चा हो रही है, | इसलिए यह-पुरुषवाचक सर्वनाम । |
इस दूध को क्यों नहीं पी रहे हो ? यह बहुत मीठा है। | दूध का गिलास निकट है। उसकी ओर इशारा किया जा रहा है, इसलिए यह निश्चयवाचक सर्वनाम । |
अनिश्चयवाचक सर्वनाम - परिभाषा, भेद, उदाहरण
अलग पढ़ेंअनिश्चयवाचक सर्वनाम सिर्फ दो हैं- 'कुछ' और 'कोई' (किसी)। 'किसी', 'कोई' का ही रूप है। इससे व्यक्ति, वस्तु या भाव के अनिश्चय का बोध होता है। जैसे-
वाक्य | अर्थ |
---|---|
नदी में कोई तैर रहा है। | अनिश्चित व्यक्ति |
नदी में कुछ तैर रहा है। | अनिश्चित वस्तु या कोई जीव-जंतु |
किसी को खिला दो। | अनिश्चित व्यक्ति |
कुछ खिला दो। | अनिश्चित वस्तु |
कुछ बातें हो रही हैं। | अनिश्चित भाव |
'कोई' का प्रयोग प्रायः सजीव के लिए होता है, लेकिन 'कुछ' का प्रयोग निर्जीव या छोटे जीव-जंतु के लिए।