अल्प-विराम या Comma (,) किसे कहते हैं? इसके उपयोग तथा 10 उदाहरण।

अल्पविराम का अर्थ होता है-थोड़ा ठहराव, थोड़ी देर लिए रुकना। इसका प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता है

 1. यदि वाक्य के बीच में – पर, परन्तु किन्तु, लेकिन, तो, भी, मगर, इसलिए, अतः, क्योंकि, जिससे, वरन्, बल्कि, तथापि आदि अव्यय हो, तो उनके पहले। जैसे–

बोलो, मगर धीरे से।

वह आया, लेकिन चला गया।

सिर्फ पढ़ो ही नहीं, वरन् काम भी करो।

2. यदि एक ही प्रकार के शब्द या वाक्यांश आएँ । जैसे– शब्दों में– राम, श्याम, मोहन और सोहन दोस्त हैं। 

वाक्यांशों में—वह यहाँ आता है, पढ़ता है और चला जाता है।

3. यदि वाक्य में— यह, उसे, तब, अब, या, तो आदि लुप्त हों। जैसे–

मैं जो कहता हूँ, ध्यान से सुनो । ( 'उसे ' – लुप्त है) 

कब वह गया, कह नहीं सकता । ('यह' – लुप्त है ) 

जब जाना ही है, चले जाओ। ('तो'– लुप्त है) 

4. यदि वाक्य का आरंभ — हाँ, नहीं, बस,अच्छा,सचमुच, वस्तुतः छिः आदि से हो । जैसे–

हाँ, मैं जानता हूँ ।   नहीं, यह तो गलत है ।

सचमुच, वह इतना बुद्धिमान् है?  छिः, यह क्या कर दिया ? 

नोट—अंतिम वाक्य में विस्मयादिबोधक-चिह्न भी आ सकता है। जैसे–छिः ! यह क्या कर दिया !

5. संबोधन के बाद इस चिह्न का प्रयोग करें। जैसे–

अरे मित्र, तुम कहाँ गए थे ?

देशवासियो, मेरे हाथ मजबूत करें

नोट–संबोधनकारक में संज्ञा के बहुवचन रूप रहने पर भी अनुस्वार ( ) का प्रयोग न करें। जैसे—

प्यारी बहनों, देवियों और सज्जनों, हे बालकों—अशुद्ध । प्यारी बहनो, देवियो और सज्जनो, हे बालको शुद्ध |

6. यदि शब्द को दो-तीन बार दोहराना हो । जैसे—

नही,नहीं, मैं तुम्हारी बात नहीं मान सकता । 

चलो, चलो, यहाँ कुछ नहीं मिलेगा ।

वह दूर से, बहुत दूर से आया था ।

7. तिथि में इसका प्रयोग होता है। जैसे–

अगस्त 15, 1947 को हमारा देश आजाद हुआ

(लेकिन--15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ)

8. पत्र में संबोधन के बाद इसका प्रयोग होता है जैसे–प्रिय सुरेश,खुश रहो।

9. किसी की उक्ति के पहले-'कि' के स्थान पर। जैसे –

सोहन ने कहा कि मैं दिल्ली जाऊंगा।

सोहन ने कहा, मैं दिल्ली जाऊँगा।

10. नाम, ओहदा और पता में प्रत्येक पद के बाद इसका प्रयोग करें। 

(क) प्रो. एस. के. सिंह, प्राध्यापक, हिन्दी विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना, मेरे मित्र हैं।

(ख) वह कंकड़बाग, पटना, बिहार का रहनेवाला है।