उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के भेद, परिभाषा, एवं उदहारण

उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के मुख्यतः पाँच भेद हैं–

  1. तत्सम
  2. तद्भव
  3. देशज
  4. विदेशज
  5. वर्णसंकर।

तत्सम– संस्कृत के वे मूल शब्द, जो ज्यों-के-त्यों हिन्दी में प्रयुक्त होते है, तत्सम कहलाते है। दूसरे शब्दों में, हिन्दी में प्रयुक्त संस्कृत के मूल शब्द को 'तत्सम' कहते है। जैसे–

  1. अंक
  2. अंकुर
  3. आज्ञा
  4. आहार
  5. इन्द्रधनुष
  6. ईर्ष्या
  7. ईश
  8. उच्चारण

तद्भव– हिन्दी में प्रयुक्त संस्कृत के बिगड़े रूप को तद्भव कहते है।जैसे

तत्समतद्भव
अंकऑक
चन्द्रनाँद
अंगांचअँगोछा
अष्टआठ
इक्षुईख
जिह्नाजीभ
अग्निआग
अघोरऔघड़
दधिदही
दुग्धदूध
काष्ठकाठ
कर्पूरकपूर
कंपनकाँपना
लौहलोहा
हस्तहाथ

देशज– अपने ही देश की बोल-चाल से आए (उत्पन्न) शब्द, देशज कहलाते हैं। जैसे-

  • अँगोरा
  • अँहड़ा
  • अकड़ा
  • अटकन-बटकन
  • अललटप्पू
  • आल्हा
  • ईन्दर
  • खच्चर
  • घोटाला
  • चमचम
  • झुग्गी
  • ढाबा
  • तगारी
  • तिलौरी
  • पपीता
  • बोड़ा
  • बेसन
  • भड़ास
  • मीना
  • रेवड़ी
  • हालिम

विदेशज– विदेशी भाषा से आए शब्द विदेशज कलाते है। जैसे

  1. अंगरेजी– अक्तूबर, अपील, ऑक्सीजन, एटम, कलक्टर, कमिश्नर, गवर्नर, गाउन, गुड फ्राइडे, चर्च, चॉकलेट, जजमेंट, जरसी, टाइफायड, टाई, टायर, टेबुल, ट्यूब, डायरिया, पार्सल, पोस्ट, मिनट, मीटिंग, यूरिया, रबड़, रेफ्रिजरेटर, लव, हाउस, हारमोनियम, आदि।
  2. अरबी– अक्त, अजनबी, अजय, अजादव, अजीब, उसूल, एकरार, एतवार, एतराज, एहसान, ऐब, ऐयार, ऐयाश, औरत, कसम, कसर, कसाई, कसूर, कहवा, कातिल, काहिल, किताब, किला, किस्मत, खयाल, गजब, गजल, गदर, गरीब, गलत, गायब, गुलाम, गुस्सा, गैर, जिद, जिला, जिल्द, जुकाम, जुनून, जुर्म, जुल्म, तकदीर, तकलीफ, तबादला, तबीयत, नसीहत, नाजायज, नुकसान, फरार, फर्ज, फर्श, फायदा, फिक, फौज, फौरन, मदरसा, मरम्मत, मरहम, मवाद, मशहूर, मशाल, मसीहा, महफिल, महल, मुलाकात, मुलायम, मुसाफिर, मुसीबत, मुहब्बत, मुहावरा, रिवाज, लिफाफा, हाजिर, हाल, हिम्मत, हुजूर, हुस्न, हौसला, आदि।
  3. फारसी– अंगूर, अंजीर, अंदर, अंदाज, अंदेशा, किशमिश, कुश्ती, कोशिश, खंजर, खजांची, खरगोश, खराबी, खरीद, खाकी, गिरफ्तार, गुंजाइश, गुमनाम, गुलाब, गोश्त, चपरासी, चम्मच, चश्मा, चादर, जमींदार, जरूरी, जवान, जादू, जानवर, जिदगी, जिद्दी, जिस्म, जुदा, जेब, जोश, नापाक, नाश्ता, निगाह, निशान, नीलम, नौकर, नौजवान, पंजा, पंजाबी, प्याला, फरमाइश, फर्जी, फीता, बंदा, बच्चा, बदन, बदनाम, आदि।
  4. तुर्की– उजबक, उर्दू, एलची, कजाक, कनात, काबू, कुमक, कुरता, कुली, कूच, कोरमा, चकमक, चिक, चोगा, जबून, जुर्राब, तमगा, तोशक, नाशपाती, बाबा, बुलाक, बेगम, मुचलका, सौगात, हरावल, आदि।
  5. पुर्तगाली– अनानास (अनन्नास), अलमारियो (आलमारी), आया (दाई), आलफिनेट (आलपीन), जोंगिला (जंगला), मस्तूल आदि ।

वर्ण-संकर– दो भाषाओ से बने शब्द वर्ण-संकर कहलाते हैं। जैसे-

  • अरबी + फारसी– अलमस्त, आदमकद, कलईदार, किलेदार, खबरगीर, गमगीन, गलतफहमी, गुस्लखाना, गैरजिम्मेदार, गोताखोर, जालसाज, जिल्दसाजी, तरफदार, नुकसानदेह, नेकनीयत, फिक्रमंद, बददुआ, आदि।
  • हिन्दी + अरबी– अमलपट्टा, इमामबाड़ा, कबाबचीनी, कसरती, कानूनिया, गुलामी, गुस्सैल, जमावड़ा, मिसरी, मीआदी, मुखतारी, मुहर्रमी, शराबी, आदि।
  • हिन्दी + फारसी– अंदाजपट्टी, आवारापन, कमरकोट, कमीनापन, कलाबाजी, जूताखोर, जोशीला, दुरुखा, देनदार, धोखेबाज, नखरातिल्ला, नातेदार, नोकझोंक, पानीदार, फलदार, बेधड़क, मसखरापन, शेरपंजा, हमजोली, आदि।
  • हिन्दी + अँगरेजी– जेलयात्रा, टिकटघर, पॉकेटमार, रेलगाड़ी, आदि।