एकवचन से बहुवचन बनाने के कुछ विशेष नियम, उदाहरणसहित
1. कुछ स्त्रीलिंग या पुंलिंग एकवचन शब्दों में गण, वर्ग, जन, वृन्द, लोग आदि शब्द लगाने से भी बहुवचन का बोध होता है।
जैसे–
गण | — | पाठकगण, छात्रगण, नेतागण, मंत्रिगण |
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वर्ग | — | अधिकारिवर्ग, शोषकवर्ग, शोषितवर्ग |
जन | — | वृद्धजन, स्वीजन, भक्तजन, गुरुजन |
वृन्द | — | नारिवृन्द, शिक्षकवृन्द, पाठकवृन्द |
लोग | — | आपलोग, हमलोग, विद्यार्थिलोग |
एकवचन—मैं इस पुस्तक के एक पाठक से मिला। यह बड़े घर की नारी है।
बहुवचन—पाठकगण इस पुस्तक से प्रभावित हैं। यह सभा नारिवृन्द के लिए है।
2. आदर दिखलाने के लिए कभी-कभी एकवचन संज्ञा का प्रयोग बहुवचन जैसा होता है।
जैसे–
दादाजी आए | मेरे पिताजी लम्बे हैं |
एक गुरुजी आ रहे हैं | उसकी माँजी आई |
गाँधीजी महामानव थे | रफी साहब महान् गायक थे |
3. कुछ ऐसी पुलिग संज्ञाएँ हैं, जो सदा बहुवचन में प्रयुक्त होती हैं।
जैसे–आँसु, अक्षत, दर्शन, ओठ, प्राण, लोग. बाल (केश), दाम, भाग्य, हस्ताक्षर आदि।
आपके दर्शन हुए। | अक्षत पड़े। |
उनके आँसू बहे। | मोहन के भाग्य खुले। |
मेरे ओठ खुले। | मेरे हस्ताक्षर हुए। |
उनके प्राण निकले। | सोहन के बाल पके हैं। |
लोग आए। | इसके दाम कितने हैं। |
4. इसके विपरीत-हर, हरएक, प्रत्येक, कोई, जनता, वर्षा, आग आदि शब्दों का प्रयोग सदा एकवचन में होता है।
जैसे–
हर व्यक्ति यही करेगा | हर एक लड़का यही कहेगा |
यहाँ प्रत्येक व्यक्ति आया | कोई आ रहा है |
भारत की जनता गरीब है | दो दिनों से बहुत अधिक वर्षा हो रही हैं |
5. विदेशज भाषा के जो शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं, उनके बहुवचन रूप हिन्दी व्याकरण के अनुसार बनाएँ–
(क) अँगरेजी-शब्द-फुट, पेंसिल, डॉक्टर, स्कूल, आदि की अँगरेजी के अनुसार क्रमशः फीट, पेंसिल्स, डॉक्टर्स, स्कूल्स न लिखें। इनका बहुवचन में प्रयोग होगा–
दो फुट की एक लकड़ी लाओ | मेरे निकट दो डॉक्टर रहते हैं |
इनकी माप फुटों में करें | उन डॉक्टरों से मेरी पहचान है |
ये पेंसिलें नई हैं | आज सभी स्कूल बंद हैं |
उन पेंसिलों को यहाँ रखो | सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया |
(ख) उर्दू-शब्द (अरबी-फारसी)- कागज, मकान, वकील आदि। अरबी- फारसी के नियम से इन्हें कागजात, मकानात, वकला न लिखें। इनका बहुवचन में प्रयोग होगा—
यहाँ कई प्रकार के कागज मिलते हैं। | (विभक्तिरहित) |
मुझे सभी कागजों को दिखलाएँ | (विभक्तिसहित) |
मेरे सभी मकान अच्छा है | (विभक्तिरहित) |
उन मकानों की सफाई करो | (विभक्तिसहित) |
आज दो वकील आए | (विभक्तिरहित) |
दोनों वकीलों से राय लो | (विभक्तिसहित) |
6. द्रव्यवाचक संज्ञा का प्रयोग प्रायः एकवचन में होता है, लेकिन द्रव्य के प्रकारों का बोध कराना हो, तो उनका प्रयोग बहुवचन में हो सकता है।
जैसे–
मेरे पास थोड़ा/बहुत सोना है | – | सामान्य प्रयोग |
अफ्रीका में कई तरह के सोने मिलते हैं | – | प्रकार बोध |
उस तेली के पास बहुत तेल है | – | सामान्य प्रयोग |
वहाँ कई तरह के तेल मिलते हैं | – | प्रकार बोध |