भाववाचक संज्ञा - परिभाषा एवं उदाहरण

जिस संज्ञा शब्द से किसी के गुण, दोष, दशा, स्वाभाव, भाव आदि का बोध हो वहाँ पर भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं। अथार्त जिस शब्द से किसी वस्तु, पदार्थ या प्राणी की दशा , दोष, भाव , आदि का पता चलता हो वहाँ पर भाववाचक संज्ञा होती है। दूसरे शब्दों में, जिस संज्ञा से व्यक्ति या वस्तु के गुण या धर्म का बोध हो उसे भाववाचक कहते हैं। जैसे-

गुण-संबंधी-सौन्दर्य, माधुर्य, अच्छाई, चतुराई, आदि।
दोष-संबंधी-बुराई, लड़ाई, ठगाई, आदि।
स्वाद-संबंधी-खटास, मिठास, आदि।
क्रिया-संबंधी-घबराहट, सजावट, लिखावट, आदि।
गति-संबंधी-सुस्ती, फुरती, बढ़ती, आदि।
माप-संबंधी-लम्बाई, चौड़ाई, ऊँचाई, गहराई, आदि।
अवस्था-संबंधी-बुढ़ापा, लड़कपन, बचपन, आदि।
भाव-संबंधी-मित्रता, शत्रुता, मूर्खता, आदि।
भावना-संबंधी-प्रेम, घृणा, दया, करुणा, आदि।
विषय-संबंधी-इतिहास, भूगोल, रसायनशास्त्र, अंकगणित, आदि।
सिद्धांत या वाद-संबंधी-गुरुत्वाकर्षण, जड़ता, साम्यवाद, पूँजीवाद, आदि।