व्यंजन-गुच्छ एवं द्वित्व उदाहरण सहित

व्यंजन-गुच्छ–यदि किसी शब्द में दो-तीन व्यंजन लगातार हों और उनके बीच कोई स्वर न हो, तो उस व्यंजन-समूह को व्यंजन - गुच्छ कहते हैं।जैसे— अच्छा, क्यारी, क्लेश, स्फूर्ति, स्पष्ट, स्वप्न, मत्स्य, उज्ज्वल, स्वास्थ्य आदि ।

उदाहरण:

अच्छा = अ + च् + छ् + आ (च्, छ् — दो व्यंजनों का गुच्छ)

मत्स्य =म् + अ + त्+स् + य् + अ (त्, स्, य्-तीन व्यंजनों का गुच्छ)

कभी-कभी एक ही शब्द में एक से अधिक व्यंजन-गुच्छ पाए जाते हैं । जैसे—स्वास्थ्य, च्यवनप्राश, ज्योत्स्ना, ध्वस्त आदि । उदाहरण:

स्वास्थ्य = स् + व् + आ + स् + थ् + य् + अ (दो व्यंजन-गुच्छ)

द्वित्व — यदि दो समान व्यंजनों के बीच कोई स्वर न हो, तो वह संयुक्त व्यंजन या व्यंजन-गुच्छ द्वित्व कहलाता है। जैसे—

अड्डा/ अड्डा, पट्टी / पट्टी, धक्का / धक्का, सत्ता / सत्ता, पत्ती / पत्ती, कुत्ता / कुत्ता आदि ।

उपर्युक्त शब्दों में मोटे अक्षर प्रत्येक शब्द में दो-दो बार आए हैं। इन्हीं को 'द्वित्व' कहते हैं ।

उदाहरण: धंक्का = ध् + अ + क् + क् + आ (क् + क्– द्वित्व हैं )

नोट-वर्गीय व्यंजन के दूसरे अथवा चौथे वर्णों को द्वित्व (दो बार) के रूप में नहीं लिखा जाता, अर्थात् दो महाप्राण आपस में संयुक्त नहीं होते हैं जैसे— ख-ख;घ-घ;छ-छ;झ-झ;ठ-ठ;ढ-ढ;थ-थ;धध;फ-फऔर भ-भ।

उदाहरण:

अशुद्ध-मख्खन, बच्ची, मछ्छर, झझझर, चिट्ठी, बुड्ढा, पथ्थर आदि शुद्ध मक्खन, बग्घी, मच्छर, झज्झर, चिट्ठी, बुड्ढा, पत्थर आदि।