व्युत्पत्ति या रचना के आधार पर शब्दों के भेद, परिभाषा, एवं उदहारण

व्युत्पत्ति/बनावट/रचना के आधार पर शब्दों के तीन भेद हैं–

  1. रूद शब्द
  2. यौगिक शब्द और
  3. योगरूद शब्द।

रूढ़ शब्द– जिन शब्दों के खंड किए जाने पर कोई अर्थ न निकले, उन्हें रूढ़ कहते हैं। जैसे-

  1. उन्हें
  2. राज
  3. लोटा
  4. रोग
  5. सागर
  6. आकाश
  7. विद्या

रूढ़ शब्द का खंड करने पर—

रूढ़ शब्दनिरर्थक खंड
राजरा + ज
रोगरो + ग
सागरसा + गर
विद्यावि + द्या

स्पष्ट है कि रूढ़ शब्द का खंड करने पर उसका कोई अर्थ नहीं निकलता।


यौगिक शब्द– शब्दों के मेल से बने शब्द, जिनका प्रत्येक खंड सार्थक हो, यौगिक कहलाते है। जैसे-

  1. विद्यालय
  2. विद्यासागर
  3. पाठशाला
  4. हिमालय
  5. राजरोग

यौगिक शब्द का खंड करने पर—

यौगिक शब्दसार्थक खंड
विद्यालयविद्या + आलय (विद्या=बुद्धि, ज्ञान; आलय=घर)
राजरोगराज + रोग (राज=राजा-संबंधी; रोग=बीमारी)

स्पष्ट है कि यौगिक शब्द जिन शब्दों के मेल से बनते हैं, अगर उनका खंड किया जाए, तो कुछ-न-कुछ अर्थ अवश्य निकलता है।


योगरूढ़ शब्द– योगरूढ़ ऐसे यौगिक शब्द होते हैं, जो अपने सामान्य साधारण अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ ग्रहण करते हैं। जैसे–

  1. लम्बोदर (गणेशजी)
  2. पंकज (कमल)
  3. गिरिधारी (श्रीकृष्ण)
  4. वीणापाणि (सरस्वती)
  5. हलवर (बलराम)
योगरूढ़ शब्दसाधारण अर्थविशेष अर्थ
पंकज (पंक + ज)कीचड़ में जन्माकमल
लम्बोदर (लम्बा + उदर)लम्बा पेटवालागणेश