सम्बोधनकारक - अर्थ एवं प्रयोग - (उदाहरण-सहित)

संबोधनकारक— जिस संज्ञा से किसी के पुकारने या संबोधन का बोध हो, उसे संबोधनकारक कहते हैं। इसके चिह्न हैं– हे, अरे, अजी, ऐ, ओ, आदि।
जैसे

  1. हे ईश्वर, मेरी सहायता करो।
  2. अरे दोस्त, जरा इधर आओ।

यहाँ, 'हे ईश्वर'और 'अरे दोस्त'संबोधनकारक हैं। कभी-कभी संबोधनकारक के नहीं रहने पर भी संबोधन व्यक्त होता है।
जैसे

  1. मोहन, जरा इधर आओ।
  2. मित्रो, समय आ गया है।
  3. भगवान्, मुझे बचाओ।
  4. बहनो, आप अपनी शक्ति पहचानें।