हिंदी एवं अन्य आर्य भाषाएँ
आधुनिक भारतीय भाषाओं का उद्भव अपभ्रंश से हुआ है। यह लगभग 500 से 1000 ई. के बीच हुआ था। उस समय इसके कई रूप प्रचलित थे— शौरसेनी, महाराष्ट्री, मागधी आदि। इन्हीं भाषाओं से अन्य भाषाएँ निकली है। अपभ्रंश (जनसाधारण की भाषा) पालि एवं प्राकृत से विकसित हुई है और 'पालि-प्राकृत' वैदिक संस्कृत से।
आर्य भाषा परिवार की आधुनिक भारतीय भाषाओं में प्रमुख हैं— हिन्दी, गुजराती, मराठी, सिंधी, पंजाबी, बॅगला, असमिया और उड़िया । संस्कृत से विकसित होने के कारण इन भाषाओं पर संस्कृत का बहुत अधिक प्रभाव है। साथ-ही-साथ द्रविड़ भाषा-परिवार का भी इन भाषाओं पर प्रभाव है और द्रविड़ भाषा-परिवार पर संस्कृत का।