हिंदी शब्दों को शुद्ध रूप में लिखने के कुछ महत्वपूर्ण नियम - वर्तनी
(क) उच्चारण के समय जिस अक्षर पर कम जोर पड़े वहाँ ह्रस्व की मात्रा दें: अधिक जोर पड़ने पर दीर्घ की मात्रा दें, जैसे–पिता-पीता, दिन-दीन, सुत-सूत, कुल-कूल, उष्म-ऊष्म, इड़ा-ईड़ा आदि।
इन शब्दों की शुद्ध वर्तनी तभी लिखी जा सकती है, जब आप इनके अर्थ को समझते हों, अतः श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्दों की सूची को बार-बार पढ़ें और उस पर ध्यान दें।
(ख) हिन्दी के अधिकतर शब्द उपसर्ग या प्रत्यय से बने होते हैं, जैसेपरि (उपसर्ग) + भाषा = परिभाषा; भाषा + इक (प्रत्यय) = भाषिक । कभी-कभी एक ही शब्द में उपसर्ग और प्रत्यय दोनों जुड़े होते हैं, जैसे — परि + भाषा + इक = पारिभाषिक ।
अतः ऐसे शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखने के लिए उपसर्ग और प्रत्यय की सूची को बार-बार पढ़ें और उस पर ध्यान दें।
(ग) हिन्दी के अधिकतर शब्द संधि या समास के नियमों से बने होते हैं, जैसे–रवि + इन्द्र = रवीन्द्र ।
परि + ईक्षा = परीक्षा
[ दीर्घ-संधि के नियम से ह्रस्व इकार दीर्घ ईकार में बदला] मंत्री + मंडल मंत्रिमंडल । पक्षी + गण = पक्षिगण [स्वराघात या उच्चारण के कारण दीर्घ इकार ह्रस्व इकार में बदला]
अतः ऐसे शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखने के लिए संधि एवं समास के नियमों को बार-बार पढ़ें और इनकी सूची देखें ।
(घ) एकवचन से बहुवचन बननेवाले शब्दों की वर्तनी का ध्यान रखें। जैसे- बहू — बहुओं; डाकू—– डाकुओं; लड़की— लड़कियाँ आदि ।
(ङ) दो लगातार महाप्राण व्यंजनों का संयोग नहीं होता है। जैसे–मख्खी, बघ्घी, शुध्ध, मछ्छर–लिखना गलत है।
इन्हें ऐसे लिखेंमक्खी, बग्घी, शुद्ध, मच्छर ।
(च) ट-वर्ग के पहले प्रायः 'ष' का प्रयोग होता है। जैसे— कष्ट, स्पष्ट, निष्ठा, काष्ठ, षडानन, षोडशी, आषाढ़, उष्ण, कृष्ण आदि ।
(छ) 'ऋ' या इसकी मात्रा (.) के बाद प्रायः 'ष' का प्रयोग होता है। जैसे– ऋषि, ऋषभ, मी, कृषि, वृषभ, वृष्टि, सृष्टि आदि।
नोट : 'य' संयुक्त होने पर '' दें, जैसे ऋश्य, ऋश्यद, ऋश्यमूक ऋश्यकेतन, ऋश्यकेतु।
(ज) यदि किसी शब्द में 'श' और 'ष' एक साथ आएँ, तो पहले प्रायः 'श' का प्रयोग होगा। जैसे– शेष, विशेष, शोषण, शोषित, शीर्षक आदि।
इसी प्रकार 'श' और 'स' एक साथ आएँ, तो 'श' प्राय: पहले आता है। जैसे–प्रशंसा, अनुशंसा, शासन, प्रशासन, शासक आदि।
(झ) उपसर्ग और प्रत्यय वाले शब्द— ऐसे शब्दों को एक साथ लिखें।
जैसे–
उपसर्गवाले शब्द— अधपका, प्रतिध्वनि, खुशहाल, आदि।
प्रत्ययवाले शब्द— पढ़कर, पढ़ाकर, दूधवाला, लकड़हारा, आदि।