बहुविकल्पीय प्रश्न (उत्तर सहित) - पृष्ठ 101

1. 'जस दूल्हा तस बनी बारात' कहावत का अर्थ है -

  जो जिसके योग्य हो उसे नहीं मिलता है

  जिससे लाभ हो उसी का पक्ष ले

  लालच में कोई काम करना

  जैसा मुखिया वैसे ही अन्य साथी

2. 'जस दूल्हा तस बनी बारात' कहावत का अर्थ है -

  जो जिसके योग्य हो उसे नहीं मिलता है

  जिससे लाभ हो उसी का पक्ष ले

  लालच में कोई काम करना

  जैसा मुखिया वैसे ही अन्य साथी

3. 'जस दूल्हा तस बनी बारात' कहावत का अर्थ है -

  जैसा मुखिया वैसे ही अन्य साथी

  जो जिसके योग्य हो उसे नहीं मिलता है

  जिससे लाभ हो उसी का पक्ष ले

  लालच में कोई काम करना

4. 'नाच न आवे आँगन टेढ़ा' कहावत का अर्थ है -

  सीधे आँगन में नाचने की इच्छा

  बुरे लोगों का स्वभाव नहीं बदलता

  अपने दोष (अयोग्यता) को छिपाने के लिए दूसरों के दोष निकालना

  नाचने का मन नहीं होना

5. 'दूध का दूध पानी का पानी' कहावत का अर्थ है -

  ठीक-ठाक न्याय हो जाना

   दो को दिया काम बिगड़ जाता है

  असम्भव कार्य हो जाना

  दूध में पानी मिला होना

6. 'पढ़े फ़ारसी बेचे तेल यह देखो कुदरत का खेल' कहावत का अर्थ है-

  कुदरत के खेल में फ़ारसी तेल बेचते हैं

  फ़ारसी पढ़े-लिखे तेल बेचते हैं

  योग्यतानुसार कार्य न मिलना

  सभी के गुण समान नहीं होते

7. 'यह मुँह और मसूर की दाल' कहावत का अर्थ है -

  अपनी योग्यता से अधिक पाने की उम्मीद

  मूर्ख अच्छी वस्तु की कद्र नहीं करते

  मसूर की दाल का महँगा होना

  अपने को बड़े व्यक्तियों में गिनना

8. 'छछूँदर के सिर पर चमेली का तेल' का अर्थ है -

  योग्य व्यक्ति को अच्छी चीज देना

  मिथ्या आडम्बर

  अयोग्य व्यक्ति को अच्छी चीज देना

  अधिक पाने का लालच करना

9. 'घाट-घाट का पानी पीना' लोकोक्ति का उपयुक्त अर्थ है -

  जीवन में स्थिरता का अभाव

  परोपकार के लिए यहाँ-वहीं घूमना

  अनेक क्षेत्रों का अनुभव

  दर-दर भटकना

10. 'भई गति सांप छछूँदर केरी' का अर्थ है -

   हास्यास्पद स्थिति

  आक्रामक स्थिति

  शिकार कीस्थिति

  असमंजस की स्थिति

11. 'कठोर परिश्रम के बिना जीवन में सफलता नहीं

  नौ दिन चले अढ़ाई कोस

  बालू से तेल निकालना

  जिन खोजा तिन पाइया गहरे पानी पैठ

  खोदा पहाड़ निकली चुहिया

12. 'विपत्ति के समय थोड़ी-सी सहायता भी बहुत बड़ी होती

  आम के आम गुठलियों के दाम

  चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात

  चुपड़ी और दो-दो

  डूबते को तिनके का सहारा

  पिछला अगला