बहुविकल्पीय प्रश्न (उत्तर सहित) - पृष्ठ 124

1. भरतमुनि ने 'रस सूत्र' का विवेचन अपने किस ग्रन्थ में किया है?

  हृदयदर्पण

  नाट्यदर्पण

  उपर्युक्त में से कोई नहीं

  नाट्यशास्त्र

2. रस-निरूपण के प्रथम व्याख्याता थे-

  भामह

  भरतमुनि

  भट्ट लोल्लट

  दण्डी

3. भरतमुनि के अनुसार, रसों की संख्या है-

  आठ

  दस

  ग्यारह

  नौ

4. रसों के संचारी भावों की कुल संख्या होती है-

  23

  37

  27

  33

5. निम्नलिखित में से किस विकल्प में स्थायी भाव दिए गए हैं?

  उत्प्रेक्षा, प्रदीप, सोरठा, इन्द्रवज्रा

   रति, शोक, उत्साह, भय

  निर्वेद, आलस्य, ग्लानि, चिन्ता

  श्रृंगार, वीर, अद्भुत, शान्त

6. रसों को उदित और उद्दीप्त करने वाली सामग्री क्या कहलाती है

   अनुभाव

  विभाव

  स्थायी भाव

  संचारीभाव

7. निम्नलिखित में से कौन-सा स्थायी भाव नहीं है?

  विषाद

  हास

  निर्वेद

  जुगुप्सा

8. 'रस-सामग्री' किस विकल्प में दी गई है?

  बिम्ब, वृत्ति, रसाभाव, काव्य-दोष

  अभिधा, लक्षणा, उत्प्रेक्षा, प्रतीक

  विभाव, अनुभाव, संचारी, स्थायी भाव

  छन्द, अलंकार, गुण, रीति

9. छन्द से सम्बन्धित गणों की सही संख्या है-

  आठ

  छः

  सात

  दस

10. छन्द पढ़ते समय आने वाले विराम को क्या कहते हैं?

  गति

  तुक

  गण

  यति

11. निम्नलिखित में सम - मात्रिक छन्द का उदाहरण कौन-सा है?

  दोहा

  सोरठा

  चौपाई

  सवाई

12. जिन मात्रिक सम छन्द है के प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं उसे कहते हैं-

  दोहा

  सोरठा

  चौपाई

  रोला

  पिछला अगला