बहुविकल्पीय प्रश्न (उत्तर सहित) - पृष्ठ 125
1. प्रस्तुत पंक्तियों में कौन - सा छन्द है- जानि गौरि अनुकूल, सिय-हिय हरषु न जाइ कहि। मंजुल मंगल मूल, वाम अंग फरकन लगे।।
छप्पय
कवित्त
सवैया
सोरठा
2. प्रस्तुत पंक्तियों में कौन - सा छन्द है- जानि गौरि अनुकूल, सिय-हिय हरषु न जाइ कहि। मंजुल मंगल मूल, वाम अंग फरकन लगे।।
छप्पय
कवित्त
सोरठा
सवैया
3. कुण्डलिया छन्द किन दो छन्दों से मिलकर बनता है?
दोहा और रोला
दोहा और चौपाई
सोरठा और रोला
दोहा और सोरठा
4. 7. इनमें से किस छन्द में प्रथम व अन्तिम शब्द समान होता है?
छप्पय
इन्द्रवज्रा
कुण्डलिया
उपजाति
5. निम्नलिखित में से कौन-सा छन्द-प्रकार नहीं है?
चौपाई
दोहा
सोरठा
दृष्टान्त
6. किस छन्द में 26 मात्राएँ होती हैं तथा 14-12 पर यति होती है?
वीर
छप्पय
सोरठा
गीतिका
7. प्रस्तुत पंक्तियों में छन्द का नाम बताइये ? नीलाम्बर परिधान, हरित पट पर सुन्दर है, सूर्य-चन्द्र युग-मुकुट, मेखला रत्नाकर है। नदियाँ प्रेम-प्रवाह, फूल तारा-मण्डल हैं, बन्दीजन खगवृन्द, शेष-फन सिंहासन है।
छप्पय
गीतिका
हरिगीतिका
रोला
8. छन्द को पढ़ते समय आने वाले विराम को क्या कहते हैं?
गण
तुक
गति
यति
9. गणों की सही संख्या है -
छ:
दस
आठ
बारह
10. दोहा और सोरठा किस प्रकार के छन्द है?
विषम मात्रिक
सममात्रिक
अर्द्धसममात्रिक
समवर्णिक
11. दोहा और रोला के संयोग से बनने वाला छन्द है -
पीयूष वर्ष
तोटक
छप्पय
कुण्डलिया
12. "बन्दउँ गुरुपद कंज कृपा सिन्धु नररूप हरि। महामोहतम पुंज, जासु वचन रविकर निकर।।" उपरोक्त पंक्तियों में छन्द है
रोला
सोरठा
दोहा
बरवै
