बहुविकल्पीय प्रश्न (उत्तर सहित) - पृष्ठ 126

1. "कहते हुए यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए। हिम के कणों से पूर्ण मानो हो गए पंकज नए।।" उपरोक्त पंक्तियों में छन्द है -

   चौपाई

  बरवै

  सोरठा

  गीतिका

2. "सेस महेश गणेश सुरेश, दिनेसहु जाहि निरन्तर गावै। नारद से सुक व्यास रटै, पचि हारे तक पुनि पार न पावै।।" उपरोक्त पंक्तियों में छन्द है -

  वंशस्थ

  शिखरिणी

  मन्दाक्रान्ता

  मालती

3. शिल्पगत आधार पर दोहे का उल्टा छन्द है -

  बरवै

  सोरठा

  रोला

  चौपाई

4. वसन्ततिलका के प्रत्येक चरण में वर्ण होते हैं -

  11

  13

  15

  14

5. दोहा छन्द में कितने चरण होते हैं?

  दो

  तीन

  चार

  छः

6. लौकिक संस्कृत के छन्दों का जन्मदाता किसे माना गया है?

  वाल्मीकि

  अभिनव गुप्त

  केशव

  भरतमुनि

7. छन्द कितने प्रकार के होते हैं?

  चार

  छः

  पाँच

  तीन

8. कोई भी छन्द विभक्त रहता है -

  यति में

  चरणों में

  इनमें से कोई नहीं

  'a' और 'b' दोनों

9. निम्न पंक्तियों में कौन-सा छन्द है? "झिल्ली झनकाएँ पिक, चातक पुकारें बन। मोरिन गुटाएँ उठै. जुगनु चमकि चमकि।।"

  मालिनी

  मन्दाक्रान्ता

  घनाक्षरी

  गीतिका

10. निम्नलिखित में सम मात्रिक छन्द है -

  दोहा

  सोरठा

  ये सभी

  चौपाई

11. दयाल, द्रवहूँ सकल कलिगाल दहन।।" उपरोक्त पंक्तियों में कौन-सा छन्द है?

   दोहा

  सोरठा

  चौपाई

  सवैया

12. दयाल, द्रवहूँ सकल कलिगाल दहन।।" उपरोक्त पंक्तियों में कौन-सा छन्द है?

  दोहा

  चौपाई

  सवैया

  सोरठा

  पिछला अगला